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Humana Medicaid Benefits: Navigating Healthcare with Confidence

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Monday 29 June 2015

paralysis treatment in ayurveda-लकवा का आयुर्वेदिक उपचार

 

लकवा को आयुर्वेद में पक्षाघात रोग भी कहते हैं। इस रोग में रोगी के एक तरफ के सभी अंग काम करना बंद कर देते हैं जैसे बांए पैर या बाएं हाथ का कार्य न कर पाना। साथ ही इन अंगों की दिमाग तक चेतना पहुंचाना भी निष्क्रिय हो जाता है। और इस रोग की वजह से अंगों का टेढापन, शरीर में गरमी की कमी, और कुछ याद रखने की क्रिया भी नष्ट हो जाती है। आयुर्वेद में लकवा के प्रभाव को कम करने के अनेक उपाय दिए गए हैं।
लकवा से बचने के आयुवेर्दिक उपचार : 
1. कुछ दिनों तो रोज छुहारों को दूध में भिगोकर रोगी को देते रहने से लकवा ठीक होने लगता है।
2. सौंठ और उड़द को पानी में मिलाकर हल्की आंच में गरम करके रोगी को नित्य पिलाने से लकावा ठीक हो जाता है।
3. नाशपाती, सेब और अंगूर का रस बराबर मात्रा में एक ग्लिास में मिला लें। और रोगी को देते रहें। कुछ समय तक यह उपाय नित्य करना है तभी फायदा मिलेगा।
4. 1 चम्मच काली मिर्च को पीसकर उसे 3 चम्मच देशी घी में मिलाकर लेप बना लें और लकवाग्रसित अंगों पर इसकी मालिश करें। एैसा करने से लकवा ग्रस्त अंगों का रोग दूर हो जाएगा।
5. करेले की सब्जी या करेले का रस को नित्य खाने अथवा पीने से लकवा से प्रभावित अंगों में सुधार होने लगता है। यह उपाय रोज करना है।
6. प्याज खाते रहने से और प्याज का रस का सेवन करते रहने से लकवा रोगी ठीक हो जाता है।
7. 6 कली लहसुन को पीसकर उसे 1 चम्मच मक्खन में मिला लें और रोज इसका सेवन करें। लकवा ठीक हो जाएगा।
8. तुलसी के पत्तों, दही और सेंधा नमक को अच्छे से मिलाकर उसका लेप करने से लकावा ठीक हो जाता है। ये उपाय लंबे समय तक करना होगा।
9. गरम पानी में तुलसी के पत्तों को उबालें और उसका भाप लकवा ग्रस्ति अंगों को देते रहने से लकवा ठीक होने लगता है।
10. आधा लीटर सरसों के तेल में 50 ग्राम लहसुन डालकर लोहे की कड़ाही में पका लें। जब पानी जल जाए उसे ठंडा होने दें फिर इस तेल को छानकर किसी डिब्बे में डाल लें। और इस तेल से लकवा वाले अंगों पर मालिश करें।

                 लकवा का सही समय पर इलाज न होने से रोगी एक अपाहिज की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है इसलिए समय रहते लकवा का उपचार कराना जरूरी है। आयुवेर्दिक तरीकों से लकवा पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। ये उपाय लंबे समय तक लगातार करने से ही फायदा देगें। इसलिए धैर्य जरूर रखें।

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असल में कितने देवी-देवता हैं और क्यों?

 

सनातन हिन्दू धर्म में कितने देवता हैं ? 

                          कुछ लोग 33 करोड़ तो कुछ 33 प्रकार के बतलाते हैं . इस विषय में हम वेदों का शिरोभाग जिसे उपनिषद् कहते हैं उससे इस विषय को प्रस्तुत करते हैं ------बृहदारण्यक उपनिषद् में शाकल्य ऋषि ने याज्ञवल्क्य महर्षि से पूछा --देवता कितने हैं ---कति देवाः ? याज्ञवल्क्य जी ने अन्तम उत्तर देते हुए कहा -------33 ही देवता हैं ----- त्रयस्त्रिंशत्त्वेव देवाः। अब प्रश्न हुआ --वे 33 देवता कौन कौन हैं ? इसका उत्तर दिया गया ------
8 वसु- धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष
11 रुद्र-हर, बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
12 आदित्य- धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु..
1 इन्द्र
1प्रजापति
कुल योग = 33
यही 33 देवता हैं । -----. बृहदारण्यकोपनिषद् 9/3/1-2
इस प्रकार वेद में 33 ही देवता कहे गये हैं । यहां कहीं भी --33 कोटि देवता --ऐसे शब्द का प्रयोग ही नहीं है। जिससे हमें कोटि शब्द के अर्थ को बतलाने के लिए बाध्य होना पड़े ।
ये 33 देवता भी एक ही देवता = परमात्मा =ब्रह्म =भगवान् के विभिन्न रूप हैं । वस्तुतः एक ही देव है जो भिन्न भिन्न प्रकार से अनेक नामों से कहा गया है---एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति --ऋग्वेद,वही एक देव सर्वत्र व्याप्त (समाया) हुआ है.
एको देवः सर्वभूतेषु गूढः ----श्वेताश्वतरोपनिषद्-6/11.
हमारा सनातन हिन्दू धर्म मुस्लिम या इशायियों की भांति छुद्र विचारधारा वाला नहीं है । यहां तो यह उस समय ही विनिर्णीत हो चुका कि जो कुछ दिखायी या सुनायी देता है वह सब वही एक देव है --- सर्वं खल्विदं ब्रह्म---3/14/1.
अतः हमारे सनातन धर्म में मूलतः एक ही देव हैं जिन्हे हम इन 33 देवताओं की बात क्या , सम्पूर्ण विश्व को उन्ही का रूप देखते हैं.
ब्रह्मसूत्र के "देवताधिकरण" -अध्याय 1/पाद 3/अधिकरण 8/सूत्र 27. का शांकर भाष्य एवं उसकी भामती टीका में भी विवरण मिलता है.

असल में कितने देवी-देवता हैं और क्यों?

 ऐसी मान्यता है कि हिंदू देवी-देवताओं की संख्या 33 या 36 करोड़ है, लेकिन ये सच नहीं है। वेदों में देवताओं की संख्या 33 कोटी बताई गई है। कोटी का अर्थ प्रकार होता है जिसे लोगों ने या बताने वाले पंडित ने 33 करोड़ कर दिया। यह भ्रम आज तक जारी है। देवी और देवताओं को परमेश्वर ने प्रकाश से बनाया है और ये प्रमुख रूप से कुल 33 हैं। ये सभी ईश्वर के लिए संपूर्ण ब्रह्मांड में कार्य करते हैं। देवताओं को इस्लाम में फरिश्ते और ईसाई धर्म में एंजेल कहते हैं।

देवताओं की शक्ति और सामर्थ के बारे में वेद और पुराणों में उल्लेख मिलता है। हालांकि प्रमुख 33 देवताओं के अलावा भी अन्य कई देवदूत हैं जिनके अलग-अलग कार्य हैं और जो मानव जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं। इनमें से कई ऐसे देवता हैं ‍जो आधे पशु और आधे मानव रूप में हैं। आधे सर्प और आधे मानव रूप में हैं।


पहले ये सभी देवी और देवता धरती पर निवास करते थे और अपनी शक्ति से कहीं भी आया-जाया करते थे। मानवों ने इन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा है और इन्हें देखकर ही इनके बारे में लिखा है। महाभारत काल तक ये देवता धरती पर रहते थे, लेकिन महाभारत काल के बाद सभी अंतरिक्ष में चले गए और कुछ सूक्ष्म रूप में धरती पर रहकर उन्हें जो कार्य सौंप रखा है वह करते हैं।


तीन स्थान और 33 देवता : त्रिलोक्य के देवताओं के तीन स्थान नियुक्त है:- 1.पृथ्वी 2.वायु और 3.आकाश। प्रमुख 33 देवता ये हैं:- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और इंद्र व प्रजापति को मिलाकर कुल तैतीस देवी और देवता होते हैं। प्रजापति ही ब्रह्मा है, 12 आदित्यों में से एक विष्णु है और 11 रुद्रों में से एक शिव है। कुछ विद्वान इंद्र और प्रजापति की जगह 2 अश्विन कुमारों को रखते हैं। उक्त सभी देवताओं को परमेश्वर ने अलग-अलग कार्य सौंप रखे हैं।
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जूस थेरेपी: करें इन बड़ी बीमारियों का इलाज स्वादिष्ट तरीके के साथ

जूस थेरेपी: करें इन बड़ी बीमारियों का इलाज स्वादिष्ट तरीके के साथ:

आयुर्वेद के अनुसार जूस पीकर भी कई बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है। इसीलिए आयुर्वेद में जूस को बहुत महत्व दिया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा में भी रसाहार को विशेष स्थान प्राप्त है। इसमें अलग-अलग फलों और सब्जियों का रस दिया जाता है। करेला जामुन या लौकी के जूस में स्वाद नहीं होता है लेकिन इनका जूस पीने के बहुत फायदे हैं। आइए जानते हैं जूस थेरेपी के कुछ स्पेशल राज जिनसे कर सकते हैं आप इन बीमारियों का इलाज....
खून की कमी- पालक के पत्तों का रस, मौसम्मी, अंगूर, सेब, टमाटर और गाजर का रस लिया जा सकता है।
भूख की कमी- नींबू, टमाटर का रस लें।
फ्लू और बुखार- मौसम्मी, गाजर, संतरे का रस लेना चाहिए।
एसीडिटी- मौसम्मी, संतरा, नींबू, अनानास का रस लें।
कृमि रोगों में- लहसुन और मूली का रस पेट के कीड़ों को मार देता हैं।
मुहांसों में- गाजर, तरबूज, और प्याज का रस लें।
पीलिया- गन्ने का रस, मौसम्मी और अंगूर का रस दिन में कई बार लेना चाहिए।
पथरी- खीरे का रस लें।
मधुमेह- इस रोग में गाजर, करेला, जामुन, टमाटर, पत्तागोभी एवं पालक का रस लिया जा सकता है।
अल्सर में- गाजर, अंगूर का रस ले सकते हैं। कच्चे नारियल का पानी भी अल्सर ठीक करता है।
मासिकधर्म की पीड़ा में- अनानास का रस लें।
बदहजमी -अपच में नींबू का रस, अनानास का रस लें, आराम मिलेगा।
हाइब्लडप्रेशर- गाजर, संतरा, मौसम्मी का रस लें।
लो-ब्लडप्रेशर- अंगूर और सभी मीठे फलों का रस लिया जा सकता है।
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प्याज लहसुन खाना शास्त्रोँ मेँ क्योँ मना किया गया है?

प्याज लहसुन खाना शास्त्रोँ मेँ क्योँ मना किया गया है?


प्याज और लहसुन ना खाए जाने के पीछे सबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा यह है कि समुद्रमंथन से निकले अमृत को, मोहिनी रूप धरे विष्णु भगवान जब देवताओं में बांट रहे थे; तभी एक राक्षस भी वहीं आकर बैठ गया। भगवान ने उसे भी देवता समझकर अमृत दे दिया। लेकिन तभी उन्हेँ सूर्य व चंद्रमा ने बताया कि ये राक्षस है। भगवान विष्णु ने तुरंत उसके सिर धड़ से अलग कर दिए। लेकिन राहू के मुख में अमृत पहुंच चुका था इसलिए उसका मुख अमर हो गया।

पर भगवान विष्णु द्वारा राहू के सिर काटे जाने पर उनके कटे सिर से अमृत की कुछ बूंदे ज़मीन पर गिर गईं जिनसे प्याज और लहसुन उपजे। चूंकि यह दोनों सब्ज़िया अमृत की बूंदों से उपजी हैं इसलिए यह रोगों और रोगाणुओं को नष्ट करने में अमृत समान होती हैं पर क्योंकि यह राक्षसों के मुख से होकर गिरी हैं इसलिए इनमें तेज़ गंध है और ये अपवित्र हैं जिन्हें कभी भी भगवान के भोग में इस्तमाल नहीं किया जाता।

कहा जाता है कि जो भी प्याज और लहसुन खाता है उनका शरीर राक्षसों के शरीर की भांति मज़बूत हो जाता है लेकिन साथ ही उनकी बुद्धि और सोच-विचार राक्षसों की तरह दूषित भी हो जाते हैं। इन दोनों सब्जियों को मांस के समान माना जाता है।

जो लहुन और प्याज खाता है उसका मन (के साथ साथ पूरा शरीर तामसिक स्वभाव का हो जाता है।

ध्यान भजन मेँ मन नहीँ लगता। कुल मिला कर पतन हो जाता है इसलिए प्याज लहसुन खाना शास्त्रोँ मेँ मना किया गया है।
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Monday 15 June 2015

Sardar Sippy Gill Latest Punjabi Song VIdeo Mp3 And Lyrics

 SARDAR SIPPY GILL LATEST PUNJABI SONG VIDEO MP3 AND LYRICS -: Sardar is a new punjabi song presents by t-series apna punjab. T-series apna punjab presents many punjabi superhit song like Black till , La And Lambarghini.This new punjabi song is based on attitude and power of a sardar.Sardar song is sung by sippy gill […] The post Sardar Sippy Gill Latest Punjabi Song VIdeo Mp3 And Lyrics appeared first on Latest in movie.
SARDAR SIPPY GILL LATEST PUNJABI SONG LYRICS -:
Oh sheran nal gidhra di yaari hundi
nahi Laa ke nam piche singh sardari
hundi nahi Yaari layi rakhi di jaan
tali dhar ke Jana nal sanjh sadi dili
hundi aein Vakhra hunda aein rob sardar
Eh ankha di gall kine meni hundi aein Vakhra
hunda aein rob sardar da
da Jado patiala shahi chinni hundi ae
Jaan toh payari ohnu rakho sabh ke
Jehri cheez virse ch mili hundi aein
Vakhra hunda aein rob sardar da Jad
o patiala shahi chinni hundi ae Mitra te
parche ne Dor dor charche ne Zare na
vadiki sardar bai Babe di mehar kaum
rajj ke daler Kam kandeyo jehra v laya paar
bai Gundve jusse jaani anni mitro Eh ho
jahi gal kado mini hndi aein Vakhra hunda
aein rob sardar da Jado patiala shahi
chinni hundi ae Jaan toh payari ohnu rakho
sabh ke Jehri cheez virse ch mili hundi
aein Vakhra hunda aein rob sardar da Jado
patiala shahi chinni hundi ae Pith utton
pant hai digg di jina de Oh kitho sale
izzata bachon ge Ganji nu rokna ja dayer
nu thokna Ta billo sardar kam aaun ge Oh
duki takki lalli challi ithe khad di Maut
ban ke varola sirr tani hundi aein Vakhra
hunda aein rob sardar da Jadon patiala
shahi chinni hundi ae Jaan toh payari ohnu
rakho sabh ke Jehri cheez virse ch mili hundi
aein Vakhra hunda aein rob sardar
da Jado patiala shahi chinni hundi
ae Khoon ch ubale nave ban de ne velly Wekh
mitra nu rok lende saah bai Ray ban laga ke
jutti kadvi jahi paa ke Jado muccha utte denda
jatt tah bai Jutti nal modiye sunami balliye
Eh ankha di gall kine meni hundi aein Vakhra
hunda aein rob sardar da
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veervaar-diljit-dosanjh-sardaarji-movie-video-song-mp3-and-lyrics

VEERVAAR DILJIT DOSANJH SARDAARJI MOVIE VIDEO SONG -:
Veervaar is the new song from upcoming punjabi upcoming upcoming .Veervaar is the third song of movie upcoming .This movie upcoming two songs are i love you ji and title song of movie .These both song is superhit on youtube .veervaar song is sung by diljit dosanjh.Diljit dasanjh is a famous punjabi singer writer and actor.He sang many superhit punjabi song like i love u ji ,jatt fire karda and proper patola . Veervaar is a romantic song.Veervaar song lyrics is given by Ranvir Singh .Sardaarji movie starring diljit dosanjh,neeru bajwa and Mandy Takhar and Jaswinder bhalla.Veer vaar song starring diljit and sonam bajwa.

MORE INFO ABOUT VEERVAAR DILJIT DOSANJH SARDAARJI MOVIE SONG -:
Song Name-: Veer Vaar
Singer Name- : Diljit Dosanjh
Lyricist : Ranvir Singh
Music By- : Jatinder Shah
Song Starring : Diljit Dosanjh and sonam bajwa
Director- : Rohit Jugraj

MORE INFO ABOUT SARDAAR JI MOVIE -:
Starring By-: Diljit dosanjh, Neeru bajwa, Mandy takhar and Jaswinder bhalla
Director : Rohit jugraj
Producers : Gunbir singh sidhu and Manmord sidhu
Co-Producers : Daljit Thind and Ekrehmat
Productions Executive Producers : Amiek Virk and Bhavuk Thareja Story and Screenplay By: Dheeraj Rattan
D.O.P By-: Parixit Warrier
Dailogue By- : Jatinder Lall
Background Score by- : Raju Singh
Music By-: Jatinder Shah and Nick Dhammu
Lyricist -: Veet Baljit and Ranvir Singh
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