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Humana Medicaid Benefits: Navigating Healthcare with Confidence

  Introduction In the complex landscape of healthcare, understanding and accessing the right benefits can be a daunting task. Humana Medicai...

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Tuesday 28 July 2015

हमने एक इतिहास बनाने वाले को खो दिया है, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम नहीं रहे


हमने भारत के 11वें राष्ट्रपति को खो दिया है
हमने भारत के होनहार बेटे को खो दिया है
हमने आज भारत के मिसाइल मैन को खो दिया है
हमने A P J अब्दुल कलाम को खो दिया है

 पूर्व राष्ट्रपति और
अब्दुल कलाम आजाद का निधन हो गया है।
वह शिलांग में एक लेक्चर देने के लिए गए थे। 83
साल के कलाम की शिलांग में आईआईएम में
लेक्चर देने गए थे लेकिन वहीं पर भाषण देने के
दौरान वह बेहोश होकर गिर पड़े।
जानकारी के अनुसार, उन्हें वहां के ही एक
अस्पताल में 7 बजे भर्ती कराया गया था।
सूत्रों ने बताया कि उनकी ब्लड प्रेशर और
दिल की धड़कन एकदम से कम हो गई थी
जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया
गया।
18 जुलाई, 2002 को डॉक्टर कलाम को नब्बे
प्रतिशत बहुमत द्वारा 'भारत का
राष्ट्रपति' चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई
2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में
राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। इस
संक्षिप्त समारोह में प्रधानमंत्री अटल
बिहारी वाजपेयी, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य
तथा अधिकारीगण उपस्थित थे। इनका
कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ।
भारत के अब तक के सर्वाधिक लोकप्रिय व
चहेते राष्ट्रपतियों में से एक डॉ. अबुल पाकिर
जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम ने तमिलनाडु के एक
छोटे से तटीय शहर रामेश्वरम में अखबार बेचने से
लेकर भारत के राष्ट्रपति पद तक का लंबा
सफर तय किया है। पूर्व राष्ट्रपति अवुल पकिर
जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम को पूरा देश
एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानता था।
वैज्ञानिक और इंजीनियर कलाम ने 2002 से
2007 तक 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा
की। मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध कलाम देश
की प्रगति और विकास से जुड़े विचारों से भरे
व्यक्ति थे।
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931
को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के
रामेश्वरम में हुआ। पेशे से नाविक कलाम के
पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। ये मछुआरों
को नाव किराये पर दिया करते थे। पांच भाई
और पांच बहनों वाले परिवार को चलाने के
लिए पिता के पैसे कम पड़ जाते थे इसलिए
शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम
को अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा।
आठ साल की उम्र से ही कलाम सुबह 4 बचे उठते
थे और नहाकर गणित की पढ़ाई करने चले जाते
थे। सुबह नहाकर जाने के पीछे कारण यह था
कि प्रत्येक साल पांच बच्चों को मुफ्त में
गणित पढ़ाने वाले उनके टीचर बिना नहाए
आए बच्चों को नहीं पढ़ाते थे। ट्यूशन से आने के
बाद वो नमाज पढ़ते और इसके बाद वो सुबह
आठ बजे तक रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे
पर न्यूज पेपर बांटते थे।
कलाम ‘एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी’ में आने के
पीछे अपनी पांचवी क्लास के टीचर
सुब्रह्मण्यम अय्यर को बताते थे। वो कहते हैं,
‘वो हमारे अच्छे टीचर्स में से थे। एक बार
उन्होंने क्लास में पूछा कि चिड़िया कैसे
उड़ती है? क्लास के किसी छात्र ने इसका
उत्तर नहीं दिया तो अगले दिन वो सभी
बच्चों को समुद्र के किनारे ले गए, वहां कई
पक्षी उड़ रहे थे। कुछ समुद्र किनारे उतर रहे थे
तो कुछ बैठे थे, वहां उन्होंने हमें पक्षी के उड़ने के
पीछे के कारण को समझाया, साथ ही
पक्षियों के शरीर की बनावट को भी
विस्तार पूर्वक बताया जो उड़ने में सहायक
होता है। उनके द्वारा समझाई गई ये बातें मेरे
अंदर इस कदर समा गई कि मुझे हमेशा महसूस
होने लगा कि मैं रामेश्वरम के समुद्र तट पर हूं
और उस दिन की घटना ने मुझे जिंदगी का
लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा दी। बाद
में मैंने तय किया कि उड़ान की दिशा में ही
अपना करियर बनाऊं। मैंने बाद में फिजिक्स
की पढ़ाई की और मद्रास इंजीनियरिंग
कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में
पढ़ाई की।’
1962 में कलाम इसरो में पहुंचे। इन्हीं के प्रोजेक्ट
डायरेक्टर रहते भारत ने अपना पहला स्वदेशी
उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया।
1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा
के समीप स्थापित किया गया और भारत
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन
गया। कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड
मिसाइल को डिजाइन किया। उन्होंने
अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय
तकनीक से बनाईं। 1992 से 1999 तक कलाम
रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे। इस
दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी
बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत
परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल
हो गया। कलाम ने विजन 2020 दिया। इसके
तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में
तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने
की खास सोच दी गई। कलाम भारत सरकार
के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।
1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस
रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर
बनाया गया। उसी दौरान अन्ना
यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से
सम्मानित किया। कलाम ने तब रक्षामंत्री
के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस
अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल
डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का
प्रस्ताव तैयार किया। स्वदेशी मिसाइलों के
विकास के लिए कलाम की अध्यक्षता में एक
कमेटी बनाई गई।
इसके पहले चरण में जमीन से जमीन पर मध्यम
दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर
जोर था। दूसरे चरण में जमीन से हवा में मार
करने वाली मिसाइल, टैंकभेदी मिसाइल और
रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहिकल (रेक्स)
बनाने का प्रस्ताव था। पृथ्वी, त्रिशूल,
आकाश, नाग नाम के मिसाइल बनाए गए।
कलाम ने अपने सपने रेक्स को अग्नि नाम
दिया। सबसे पहले सितंबर 1985 में त्रिशूल फिर
फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि
का परीक्षण किया गया। इसके बाद 1998 में
रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज
मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया और
ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की
गई। ब्रह्मोस को धरती, आसमान और समुद्र
कहीं भी दागी जा सकती है। इस सफलता के
साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में
प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से
सम्मानित किया गया।
कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के
सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और
फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत
रत्न प्रदान किया। भारत के सर्वोच्च पर पर
नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम
देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले यह
मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर
हुसैन ने हासिल किया।
हमने सिर्फ एक पूर्व राष्ट्रपति, एक मिसाइलमेन, एक वैज्ञानिक व एक समाजसेवी नहीं खोया है...हमने आज विज्ञान का पूरा एक दौर खो दिया है। अब्दुल कलाम समस्त युवा पीढ़ी के लिए एक अभिभावक जैसे थे जिन्होंने हमेशा अपने ज्ञान से एक पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभाई।
।। महान राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साब को भावभीनी श्रधांजलि।।
।। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे ।।
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Saturday 18 July 2015

Kaise Google+ Profile Ka Name Change Karenge ?


How To Change Google+ profile name ?

So, you want to change your name on Google Plus? You can easily change your Google+ profile name on Android, iPhone/iPad app,Computer- Pc.
Changing your name on Google+ will change it in all Google products like YouTube, Gmail and Google Wallet.Change my "personal name" for my Google Account.
  • Android app
  1. Open the Google+ app
    .
  2. At the top of the screen, touch your picture.
  3. Touch the menu > Edit name.
  4. Type your preferred name.
  5. In the upper-right corner, touch Save.
  • iPhone/iPad app
  1. Open the Google+ app .
  2. In the upper-left corner, touch the menu
    .
  3. At the top of the screen, touch your picture.
  4. In the upper-right corner, touch the settings > Edit name.
  5. Type your preferred name
  6. In the upper right corner, touch Save.
  • Computer- Pc
  1. Open Google+.
  2. In the top-left corner, click the drop-down menu > Profile .
  3. Click your name, and type your preferred name.
  4. In the lower-right corner, click Save
  5. Mor Information Click >>
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Friday 17 July 2015

कैसे पीपल से कई बीमारियों से बचा जा सकता है ?-पीपल के औषधीय गुण


पीपल की भारत में धार्मिक रूप में पूजा होती है। क्योंकि इस पेड़ का जितना धार्मिक महत्व है उससे कई गुना इसका आपकी सेहत के लिए महत्व है। आयुर्वेद में पीपल के औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। कैसे पीपल से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
दांतों के लिए फायदेमंद
दांतों की बदबू, दांतों का हिलना और मसूड़ों का दर्द व सड़न को दूर करने के लिए 2 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम पीपल की छाल और कत्था को बारीक पीसकर उसका पाउडर बना लें। और इससे दांतों को साफ करें। आपको इन रोगों से मुक्ति मिलेगी।
झुर्रियों से बचाएगा
बहुत ही कम लोगों को ही यह बात मालूम है कि झुर्रियों को खत्म करने के लिए पीपल एक अहम भूमिका निभाता है। यह बढ़ती हुई उम्र की वजह से चेहरे पर झुर्रियां रोक देता है। पीपल की जड़ों को काट लें और उसे पानी में अच्छे से भिगोकर इसका पेस्ट बना लें। और इस पेस्ट को नियमित चेहरे पर लगाएं।
दाद और खुजली को दूर करे
दाद और खाज दूर करने के लिए पीपल के 4 पत्तों को चबाकर सेवन करें। यदि एैसा नहीं कर सकते हो तो पीपल के पेड़ की छाल का काढ़ा बना लें और इसे दाद व खुजली वाली जगह पर लगाएं।
पेट की तकलीफ को दूर करे
पेट की किसी भी तरह की समस्या जैसे कब्ज, गैस और पेट दर्द आदि को  दूर करता है। पीपल के ताजे पत्तों को कूट कर इसका रस सुबह-शाम पीएं। पीपल के पत्ते वात और पित्त को खत्म करते हैं।
दमा से दिलाए निजात
दमा के रोगीयों के लिए पीपल एक महत्वपूर्ण दवा का काम करता है। पीपल के पेड़ की छाल के अंदर के हिस्से को निकाल लें और इसे सुखा लें। सूखने के बाद इसका बारीक चूर्ण बना लें और पानी के साथ दमा रोगी को दें।
नजला-जुकाम से मुक्ति
नजला-जुकाम होने पर पीपल के पत्तों को छाया में सुखा लें। और इनकों पीसकर चूर्ण बना लें। और इसे गुनगुने पानी में थोड़ी सी मिश्री के साथ मिलाकर पीएं।

घावों को करे ठीक
चोट के घावों को जल्दी भरने के लिए पीपल के पत्तों को गर्म कर लें और चोट की वजह से होने वाले घावों पर लगा दें।
दिलाए फटी एड़ियों से निजात
पीपल के पत्तों से निकलने वाले दूध को फटी एड़ियों पर लगाने से एड़ियां कोमल और सामान्य हो जाती हैं।
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Thursday 16 July 2015

'Joy' Teaser Trailer Videos Hd- Jennifer Lawrence Fires Gun, Gets Inventive


Jennifer Lawrence is armed and determined in the teaser trailer for her latest David O. Russell collaboration, Joy.
The movie, which hits theaters Christmas Day, is based on the stories of several powerful women including the inventor of the Miracle Mop, Joy Mangano.
In the trailer, Lawrence's Joy is shown growing up, going to college and getting married over a church bell-filled version of "You Can't Always Get What You Want."
While at home taking care of her kids, she's shown coming up with an invention.
A supercut then reveals production revving up on her new product, as Bradley Cooper's character enters the picture. Then Joy does some fighting, crying and even gets arrested.
The teaser ends with her firing a shotgun and saying, "My name's Joy, by the way."

Robert De Niro
, Edgar Ramirez, Virginia Madsen and Isabella Rossellini co-star in the movie from 20th Century Fox and Megan Ellison's Annapurna Pictures. Russell directed and rewrote the script by Bridesmaids writer Annie Mumolo.

The project marks Lawrence, Cooper and De Niro's third project with Russell after
Silver Linings Playbook and American Hustle. July 15, 9:04 a.m. An earlier version of this story misstated the song being played in the trailer and incorrectly described the type of gun fired at the end.
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Ladki Ko Kaise Patayege ? लड़की पटाने के नए तरीके

  • लड़की पट जाएगी बस पटाना आना चाहिए 
अगर आप पार्टी में किसी लड़की को पटाना चाहते हो तो, आप सबसे पहले उनसे जाकर मिले और अपना परिचय दे, इससे धीरे-धीरे बात चित का सिलसिला शुरू होगा और आप उसे पटा लेंगे.
  • लडकी पटाने का मस्त तरीका 
आप की पड़ोसन अगर स्कूल/कॉलेज जाने के लिए निकल रही हो तो आप उनके संग होले और उनसे बात करते हुए आप भी जाये. ऐसा लगातार 3 दिनों तक करे और 4 वां  दिन मत जाना, वो 5 वां  दिन आपसे जरुर पूछेगी कल क्यों नहीं आये. हो सकता है इस तरह की मुलाकात से  आप उसे पटा ही लेंगे.
  •   जब करना हो एक लड़की को इम्प्रेस 
अपने मोबाईल फ़ोन में कोई रोमांटिक रिंग टोन ही रखे, रोमांटिक रिंग टोन सुनकर लड़कियां जरुर इम्प्रेस होती हैं. लड़कियों को पटाने के लिए उन्हें इम्प्रेस करना बहुत ही जरुरी है
  • Girlfriend Ko Kaise Patae
अगर आप उनसे कही मिले और उनके साथ में उनके पेरेंट्स हो तो उनके पांव (चरण) छुए. लड़की तुरंत आपसे इम्प्रेस होगी (अगर लड़की जानपेहचन वाली हो उसी स्थिति में ही).
  •  Ladki Patane Ke Rules
लड़कियों के सामने कभी भी स्मोकिंग न करे और न ही ड्रिंकिंग. ये बात हमेशा याद रखे लड़कियां अच्छे स्वभाव  वाले लडको को ही पसंद करती है.
  • Classroom ki Ladki Patane Ka Formula 
आप किसी दिन उनसे ये कह कर की “आप मुझे आपना ऑटोग्राफ देंगे तो ये मेरी खुशनसीबी होगी”. आप उनका ऑटोग्राफ मांगकर उनको खुश कर सकते हैं. 
  • लड़की पटाने के नए और जानदार तरीके
अगर आप उनसे कही मिले और उनके साथ में उनके पेरेंट्स हो तो उनके पांव (चरण) छुए. लड़की तुरंत आपसे इम्प्रेस होगी (अगर लड़की जानपेहचन वाली हो उसी स्थिति में ही).
उनके साथ कभी भी बहस नहीं करे हमेशा उनकी बात का साथ दे. तभी उनको पटा सकते है.
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1.    लड़कियों को सुगंध बहुत पसंद होती है। इसलिए जब भी आप अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाएं, 
तो कोलोन, डिओ, परफ्यूम का इस्तेमाल जरूर करें। फिर देखिए उन पर क्या जादू चलता है।


2.    आप अपनी गर्लफ्रैंड की बातों को ध्यान से सुनें। क्यों कि हर लड़की चाहती है कि उसका प्रेमी उसका ख्याल रखे। इससे उसे यह महसूस होगा कि आप उसके सच्चे साथी हैं जो सुख-दुःख में काम आते हैं।


3.    अपने आप को उसके अनुसार ढालने की कोशिश करें। वह क्या पसंद करती है और क्या नहीं यह जानने की कोशिश करें। जब डिनर पर जाएँ तो आप उसकी पसंद का खाना ही खाएँ।

 

4.    अपनी गर्लफ्रेंड की तारीफ करें और बातों-बातों में यह जरूर कहे कि वह खूबसूरत है।


5.    बाते करते वक्त उनका हाथ कुछ सेकंड के लिए जरूर थामें।


6.    जब भी आप उनसे मिले प्यार से उनके सिर को चूमें।




7.    नींद से जगाने के लिए नये तरीके अपनाएं, कोशिश करें कि उनकों जगाने के लिए उनकी ही रिकॉर्ड आवाज को उन्हें सुनाएं।
 

8.    अपनी गर्लफ्रेंड को इस बात का अहेसास करवाएं कि आप उनसे प्यार करते है। उन्हें बराबर यह बात कहते रहें कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं।

9.    अगर वह परेशान है तो उन्हें गले लगाकर इस बात का एहसास दिलाएं कि वह आपके लिए कितना मायने रखती है।

 

10.    उनकी हर छोटी से छोटी बात का भी ख्याल रखें, क्योंकि यह प्यार का बहुत जरूरी हिस्सा होता है।
 

11.    कभी-कभी उनके पसंदीदा गाने भी उन्हें सुनाएं।
 

12.    आप अपनी गर्लफेंड को अपने परिवार और दोस्तों से मिलवाएं, इससे आपके प्रति उनका विश्वास बढ़ेगा।
 

13.    प्यार का इजहार करने के लिए उनके बालों को प्यार से सहलाएं।
 

14.    कभी-कभी आप उनके साथ मस्ती भी करें, जैसे गुदगुदाना, कुश्ती करना।
 

15.    गर्लफेंड को बाहर घूमने लेकर जाएं और अपने दिल की बातें कहें।
 

16.    उन्हें खुश रखने के लिए और हंसाने के लिए जोक्स सुनाएं।
 

17.    आधी रात को एसएमएस कर उन्हें बताएं कि आप उन्हें कितना ‘मिस’ कर रहे हैं।
 
18.    खुश करने के लिए उनकों फूलों का तोहफा दें। हो सकता है आपके पास तोहफा देने का कोई अवसर ना हो। बिना किसी ऐसे अवसर के भी उन्हें तोहफा दें।
 
19.    उनके साथ अच्छा टाइम ‍बिताएं, कभी-कभी उनके साथ भी डांस करें।


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Thursday 9 July 2015

धूम्रपान नपुंसक बना सकता है ?

                                            
  धूम्रपान नपुंसक बना सकता है
अगर धूम्रपान करते हैं तो यह आपके लिए है, यह ना सिर्फ आपके फेफड़ों पर असर डालता है
बल्कि आपके पिता बनने के सपने पर भी ग्रहण ला सकता है। जी हां, धूम्रपान से पुरुषों में
नंपुसकता के लक्षण देखे जा सकते हैं। धूम्रपान इंसान के लिए बहुत खतरनाक है। इससे
न सिर्फ बहुत से रोग हो जाते हैं बल्कि धूम्रपान से व्यक्ति की जान का जोखिम बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं धूम्रपान करने वालों के साथ रहने वाले लोगों को भी कैंसर होने का खतरा रहता है
खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को। युवा वर्ग आज धूम्रपान की चपेट में
आता जा रहा है जिससे नपुंसकता में लगातार इजाफा हो रहा है। धूम्रपान की लत एक महामारी के रूप में फैलती जा रही हैं। आइए जानें धूम्रपान से होने वाले ऐसे
ही दुष्प्रभावों के बारे में।
             • यह सच है कि धूम्रपान नपुंसकता का कारण  बन सकता है। दरअसल, धूम्रपान से रक्त
सरंचना पर विपरीत प्रभाव होता है जिससे शरीर  में मौजूद यौन हार्मोंस उचित रूप से विकिसत
नहीं हो पाते नतीजन, वे उचित क्रिया करने में  भी सक्षम नहीं होते और यौनशक्ति में कमी आने
लगती हैं।
            • धूम्रपान से बच्चों पर बुरा असर पड़ने लगता हैं और समय से पहले ही उनकी सेक्सुअल पॉवर  बढ़ने लगती हैं।
            • धूम्रपान नपुंसकता के जोखिम में इजाफा करता है, इसके कई कारण है। सिगरेट में
मिले निकोटीन से व्यैक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मपक प्रभाव पड़ता है जिससे व्यक्ति का लिंग सिकुड़ने लगता है और उसमें उत्तेजना कम होती जाती हैं। नतीजन उसकी सेक्सग में रूचि कम होने लगती हैं।
          • धूम्रपान रक्त वाहिकाओं में रक्तं के प्रवाह को कम करता है जिससे रक्त में अवरोध उत्पन्न  होने लगता है और रक्त संचरना नकारात्मक   प्रभाव डालने लगती है।
           • धूम्रपान के कारण लिंग सीधा होने में दिक्कंते आती हैं। दरअसल लिंग में रक्त का प्रवाह
सही तरह से नहीं हो पाता जिससे लिंग   की शक्ति कमजोर पड़ने लगती हैं और लिंग के  ऊतकों का विस्तार सही से नहीं हो पाता।
          • शोधों में यह भी साबित हो चुका हैं कि धूम्रपान के प्रभाव से स्पर्म की गुणवत्तां में कमी आ
जाती हैं और उसके उत्पादन में भी।
          • धूम्रपान नपुंसक तो बनाता ही है, साथ ही इससे गुर्दा कैंसर, मूत्राशय कैंसर, अग्नाशय
के कैंसर, मुंह का कैंसर, घेघा कैंसर सहित दमा और सांस की तकलीफ भी होने लगती हैं। इसके अलावा कोरोनरी धमनी की बीमारी, हृदय रोग संबंधित समस्यामएं, उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्रोल में कमी,त्वचा का पीला पड़ना और समय से पहले झुर्रियां पड़ना, दांतों और मसूड़ों संबंधित समस्यारएं पैदा हो जाती हैं। इसीलिए जितना संभव हो सकें धूम्रपान से दूर
रहना ही बेहतर हैं।
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जानिए नपुंसकता के बड़े कारण - काम परामर्श

सेक्स मात्र एक क्रिया ही नहीं है वरन यह एक ऐसी जटिल प्रक्रिया से संचालित होती है जिसका अंदाजा लगाना सरल नहीं है। कभी-कभी लोग किसी तस्वीर को देखकर ही उत्तेजित हो जाते हैं। लिंग में उत्तेजना खत्म हो जाने को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता कहते हैं। इरेक्शन (स्तंभन) सेक्स पूरा हो जाने के बाद यानी इजेकुलेशन (स्खलन) के बाद खत्म होना चाहिए। जिन लोगों में यह दिक्कत पाई जाती है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनका कॉन्फिडेंस लेवल भी कम हो सकता है।
sad-coupleपुरुष के लिंग में उत्तेजना विचार से भी आती है और स्पर्श से भी। इसका परिणाम यह होता है कि शरीर के साथ लिंग में भी खून का प्रवाह तेज हो जाता है मगर  उत्तेजना के लिए उचित हॉर्मोन का होना भी जरूरी है। हालांकि कई बार लोग वहम का शिकार भी हो जाते हैं। 
 
ऐसा माना जाता है कि पुरुषों में 60 साल के बाद और महिलाओं में 45 साल के बाद हॉर्मोन की कमी होने लगती है, जिससे उनके उत्तेजित होने में समय लगता है या फिर वे उत्तेजित ही नहीं हो पाते हैं। हालांकि कई मामलों में देखा गया है कि कुछ लोग 70 वर्ष की उम्र के बाद भी सेक्स करने में सक्षम होते हैं। 
* नशाखोरी भी व्यक्ति ‍की सेक्स  लाइफ को प्रभावित करती है। तनाव, शराब, धूम्रपान और मधुमेह का भी सेक्स लाइफ पर असर होता है। अत: इनसे बचकर रहना चाहिए। मधुमेह यानी शुगर की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। नशे के बारे में कहा जाता है कि शुरुआती तौर पर व्यक्ति को सेक्स में अच्छा लगता है, लेकिन धीरे धीरे स्थितियां बिलकुल उलट हो जाती हैं।
 
*हॉर्मोंस डिसऑर्डर्स, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन अथवा नपुंसकता की बड़ी वजह हो सकती है। 
* नर्वस सिस्टम में आई किसी कमी के चलते भी यह समस्या हो सकती है। यानी न्यूरॉलजी से जुड़ी समस्याएं भी नपुंसकता की अहम वजह हो सकती हैं।
* लिंग में उत्तेजना या इरेक्शन की वजह उसमें खून का प्रवाह होता है। मगर जब कभी खून का प्रवाह सही नहीं होता तो उसमें सख्ती नहीं आ पाती। कई बार स्थिति तब और खराब हो जाती है जब व्यक्ति सेक्स  कर रहा होता है और रक्त प्रवाह लिंग में खत्म हो जाता है। ऐसे में उसे अपनी पार्टनर के समक्ष शर्मिंदा होना पड़ता है। 
* हमारे मस्तिष्क में सेक्स  संबंधी बातों के लिए एक खास केंद्र होता है। इसी केंद्र के चलते सेक्स संबंधी इच्छाएं नियंत्रित होती हैं और इंसान सेक्स कर पाता है। इस सेंटर में अगर कोई डिसऑर्डर है, तो भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है।
* शक का कीड़ा जब दिमाग में कुलबुलाता है तो वह भी सेक्स   में नाकामी वजह हो सकता है। कई बार लोगों को लगता है कि वे ठीक तरह से सेक्स कर भी पाएंगे या नहीं और जब यह विचार के व्यक्ति के मन में आता है तो हकीकत में ऐसा हो जाता है। मन में ऐसी शंकाएं भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह बनती हैं। इसी डर की वजह से लंबे समय में व्यक्ति सेक्स से मन चुराने लगता है और उसकी इच्छा में कमी आने लगती है।
* डॉक्टरों का मानना है कि 80 फीसदी मामलों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह शारीरिक होती है, बाकी 20 फीसदी मामले ऐसे होते हैं जिनमें इसके लिए मानसिक कारण जिम्मेदार होते हैं।
By : Polekhoe.com
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Saturday 4 July 2015

आत्मा भूत प्रेत प्रेतात्मा - क्या वास्तव में भूत-प्रेत होते हैं



कौन बनता है भूत ?

जिसका कोई वर्तमान न हो, केवल अतीत ही हो वही भूत कहलाता है। अतीत में अटका आत्मा भूत बन जाता है। जीवन न अतीत है और न भविष्य वह सदा वर्तमान है। जो वर्तमान में रहता है वह मुक्ति की ओर कदम बढ़ाता है

आत्मा के तीन स्वरुप माने गए हैं- जीवात्मा, प्रेतात्मा और सूक्ष्मात्मा। जो भौतिक शरीर में वास करती है उसे जीवात्मा कहते हैं। जब इस जीवात्मा का वासना और कामनामय शरीर में निवास होता है तब उसे प्रेतात्मा कहते हैं। यह आत्मा जब सूक्ष्मतम शरीर में प्रवेश करता है, उस उसे सूक्ष्मात्मा कहते हैं।
भूत-प्रेतों की गति एवं शक्ति अपार होती है। इनकी विभिन्न जातियां होती हैं और उन्हें भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच, यम, शाकिनी, डाकिनी, चुड़ैल, गंधर्व आदि कहा जाता है।
भूतों के प्रकार : हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। उक्त सभी के उप भाग भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है।
इसी तरह जब कोई स्त्री मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। माना गया है कि प्रसुता, स्त्री या नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है और जब कोई कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। जो स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन या डाकिनी करते हैं। इन सभी की उत्पति अपने पापों, व्याभिचार से, अकाल मृत्यु से या श्राद्ध न होने से होती है।
लाख योनियां : पशुयोनि, पक्षीयोनि, मनुष्य योनि में जीवन यापन करने वाली आत्माएं मरने के बाद अदृश्य भूत-प्रेत योनि में चले जाते हैं। आत्मा के प्रत्येक जन्म द्वारा प्राप्त जीव रूप को योनि कहते हैं। ऐसी 84 लाख योनियां है, जिसमें कीट-पतंगे, पशु-पक्षी, वृक्ष और मानव आदि सभी शामिल हैं।
प्रेतयोनि में जाने वाले लोग अदृश्य और बलवान हो जाते हैं। लेकिन सभी मरने वाले इसी योनि में नहीं जाते और सभी मरने वाले अदृश्य तो होते हैं लेकिन बलवान नहीं होते। यह आत्मा के कर्म और गति पर निर्भर करता है। बहुत से भूत या प्रेत योनि में न जाकर पुन: गर्भधारण कर मानव बन जाते हैं।
पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पितरों का तर्पण करते हैं। इससे सिद्ध होता है कि पितरों का अस्तित्व आत्मा अथवा भूत-प्रेत के रूप में होता है। गरुड़ पुराण में भूत-प्रेतों के विषय में विस्तृत वर्णन मिलता है। श्रीमद्‍भागवत पुराण में भी धुंधकारी के प्रेत बन जाने का वर्णन आता है।
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Thursday 2 July 2015

काम मे नारी की लज्जा ,घूँघट ,पायल बड़े हितकारी हैं

काम मे नारी की लज्जा ,घूँघट ,पायल बड़े हितकारी हैं

विवाह के कुछ वर्ष तो दंपत्ति मे काम,आकर्षण रहता है
पर आज कल का निर्लज्ज समाज नर नारी मे खुला पन जहां घर मे सम्बन्धों को भी बिगाडता है वहीं घूँघट न होने से नारी नर जैसी होती जा रही है - और उसकी खुल्ली काम की ईक्षा भले एक समय इसे बड़ा मॉडर्न मानते थे पर काम का सूत्र है नारी का न करना ,लजाना - जहां नारी लजाना छोड़ती है और खुलके जनाने अंगों पे ,उसके ठहराव पे बोलती है वहाँ आदमी मे नपुंसकता आने लगती है - और हानी पत्नी को ही हुई - फिर पाती उससे कटने लगता है - डरता है कि फिर कुछ सुनने को मिला तो - और फिर दोनो एक दूसरे पे फालतू के आरोप लगा के दूर हो जाते हैं - आकर्षण खत्म होने से ,पुरुष का सम्मान खत्म होने से घर मे दो नर से होने लगते हैं - पहले घरों मे एक ही अहंकार होता था - नर अब नारी हावी है और +35 नारी को तृप्त करना इन हालातों मे अनेकों को संभव नहीं होता - ऐसे मे लज्जा ,नारी का नर को उकसाते हुए बचना ,नर से डर दिखाना आदि अनेकों ऐसे त्रिया कर्म हैं जिनसे दाम्पत्य जीवन को नारी बचाए ,पति से संबंधो को बनाए रखती है
दाम्पत्य जीवन मे काम सुख इन संबंधो को अच्छा करता है और इसमे लज्जा बड़ा हथियार है -- जिसे समझ आए अपनाए - जो अहंकार रखे और पति से बराबरी नहीं अगाबरी करे तो वो उसकी जाने - अँग्रेजी से लज्जा नष्ट है और आज हर घर का दाम्पत्य जीवन दुखमय है - इसीलिए यहाँ चित्र घूँघट का है काम दर्शन का नहीं - तो नारी लजाना छोड़ के अपना ही नुकसान कर रही है - परिवार को नारी ही बांधती है ,और पति को काबू मे रखने का हथियार है घूँघट - बस हाँ अति न हो - घूँघट आजीवन आकर्षण देता है
अरे नर नारी दोनों एक ही तो हैं - नर ने विशेष गुण धारण किए तो नर बना - नारी ने लज्जा ,लचक ,त्रिया धारण किया तो नारी बनी - अब आज नारी नर के गुणो कि ओर भाग रही है - और क्योंकि मुक़ाबला मर्दों से करने कि ईक्षा है तो गुण नर के आएंगे ही और देह भले नारी कि हो अगर गुण नर के आ गए हैं तो आकर्षण नही रहेगा - अतः लजाओ और वैवाहिक जीवन का आनंद लो - सबसे बड़ा काम सूत्र है " लज्जा " और नर अँग्रेजी के चक्करों मे पड़के नारी कि लज्जा नष्ट न करना वरना तू ही रोएगा नपुंसक बनके - काम विचार वैधानिक साथी साथ होने पे ही उत्पन्न हों ,दुश्चरित्र लज्जाहीन नारी से संबंध नर को नपुंसक बनाते हैं । दिन भर काम चिंतन लिंग कि माशपेशियों को क्षीण करता है ,रोज दवा के रूप मे थोड़ा उत्तेजना विचारों से अवश्य बनाओ
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