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Thursday 9 July 2015

धूम्रपान नपुंसक बना सकता है ?

                                            
  धूम्रपान नपुंसक बना सकता है
अगर धूम्रपान करते हैं तो यह आपके लिए है, यह ना सिर्फ आपके फेफड़ों पर असर डालता है
बल्कि आपके पिता बनने के सपने पर भी ग्रहण ला सकता है। जी हां, धूम्रपान से पुरुषों में
नंपुसकता के लक्षण देखे जा सकते हैं। धूम्रपान इंसान के लिए बहुत खतरनाक है। इससे
न सिर्फ बहुत से रोग हो जाते हैं बल्कि धूम्रपान से व्यक्ति की जान का जोखिम बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं धूम्रपान करने वालों के साथ रहने वाले लोगों को भी कैंसर होने का खतरा रहता है
खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को। युवा वर्ग आज धूम्रपान की चपेट में
आता जा रहा है जिससे नपुंसकता में लगातार इजाफा हो रहा है। धूम्रपान की लत एक महामारी के रूप में फैलती जा रही हैं। आइए जानें धूम्रपान से होने वाले ऐसे
ही दुष्प्रभावों के बारे में।
             • यह सच है कि धूम्रपान नपुंसकता का कारण  बन सकता है। दरअसल, धूम्रपान से रक्त
सरंचना पर विपरीत प्रभाव होता है जिससे शरीर  में मौजूद यौन हार्मोंस उचित रूप से विकिसत
नहीं हो पाते नतीजन, वे उचित क्रिया करने में  भी सक्षम नहीं होते और यौनशक्ति में कमी आने
लगती हैं।
            • धूम्रपान से बच्चों पर बुरा असर पड़ने लगता हैं और समय से पहले ही उनकी सेक्सुअल पॉवर  बढ़ने लगती हैं।
            • धूम्रपान नपुंसकता के जोखिम में इजाफा करता है, इसके कई कारण है। सिगरेट में
मिले निकोटीन से व्यैक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मपक प्रभाव पड़ता है जिससे व्यक्ति का लिंग सिकुड़ने लगता है और उसमें उत्तेजना कम होती जाती हैं। नतीजन उसकी सेक्सग में रूचि कम होने लगती हैं।
          • धूम्रपान रक्त वाहिकाओं में रक्तं के प्रवाह को कम करता है जिससे रक्त में अवरोध उत्पन्न  होने लगता है और रक्त संचरना नकारात्मक   प्रभाव डालने लगती है।
           • धूम्रपान के कारण लिंग सीधा होने में दिक्कंते आती हैं। दरअसल लिंग में रक्त का प्रवाह
सही तरह से नहीं हो पाता जिससे लिंग   की शक्ति कमजोर पड़ने लगती हैं और लिंग के  ऊतकों का विस्तार सही से नहीं हो पाता।
          • शोधों में यह भी साबित हो चुका हैं कि धूम्रपान के प्रभाव से स्पर्म की गुणवत्तां में कमी आ
जाती हैं और उसके उत्पादन में भी।
          • धूम्रपान नपुंसक तो बनाता ही है, साथ ही इससे गुर्दा कैंसर, मूत्राशय कैंसर, अग्नाशय
के कैंसर, मुंह का कैंसर, घेघा कैंसर सहित दमा और सांस की तकलीफ भी होने लगती हैं। इसके अलावा कोरोनरी धमनी की बीमारी, हृदय रोग संबंधित समस्यामएं, उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्रोल में कमी,त्वचा का पीला पड़ना और समय से पहले झुर्रियां पड़ना, दांतों और मसूड़ों संबंधित समस्यारएं पैदा हो जाती हैं। इसीलिए जितना संभव हो सकें धूम्रपान से दूर
रहना ही बेहतर हैं।
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