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Wednesday 22 February 2017

Mahadev puja vidhi in hindi

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Shiva Puja Vidhi is described in detail in Shiva Purana. Puja vidhi of Shivalinga and Sagun form of Lord Shiva are described in very detail in Shiva purana.

Mahadev puja vidhi in hindi


  1. Pahle Snan Karke Pavitra Ho Jaye.
  2. Ghar mandir ya Shivalay Me Jaye.
  3. Mantro ke Uchchar Kare or Jal Chadhaye.
  4. Shivling Pe Dudh Arpit Kare.
  5. Dahin Bhi Chadha Sakte Hai.
  6. Shivji ko gee Arpit Kare.
  7. chandan or kesar Chadhaye.
  8. Bhang aur sakar Bhi chadha sakte hai. 
  9. Last Me Bilvapatra - aakade, dhatura ke ful chadhaye.

 शिव पूजा में क्या भूल कर भी ना चढ़ाएं, जानें 
mahadev ki puja kaise kare shivratri special

भोलेनाथ को देवों के देव यानी महादेव भी कहा जाता है। कहते हैं कि शिव आदि और अनंत हैं। शिव ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनकी लिंग रूप में भी पूजा जाता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अनेक ऐसी चीजें पूजा में अर्पित की जाती हैं जो और किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती। जैसे आंक, बिल्वपत्र, भांग आदि। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, कुछ चीज़ें शिव पूजा में कभी उपयोग नहीं करनी चाहिए...

शिवलिंग पर चढ़ी हुई भोग सामग्री प्रसाद रूप से ग्रहण नहीं करनी चाहिये क्योंकि उस पर शिवजी के गण चंड का अधिकार होता है.

शिवलिंग के पास भूमि पर चढ़ाई हुई सामग्री प्रसाद रूप से लेनी चाहिये. इसमें कोई दोष नहीं होता. यही शिव नैवेद्य कहलाता है. यह शिव नैवेद्य (प्रसाद) अपने सम्पूर्ण परिवार में बाँटना चाहिये.

शिव पूजा में क्या भूल कर भी ना चढ़ाएं :

धार्मिक कार्यों में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। कई पूजन कार्य हल्दी के बिना पूर्ण नहीं माने जाते। लेकिन हल्दी, शिवजी के अलावा सभी देवी-देवताओं को अर्पित की जाती है। हल्दी का स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी इसीलिए नहीं चढ़ाई जाती है।

शिवलिंग की पूजा के लिये मंत्र “ॐ” होता है और इसका जप भौंहों के बीच आज्ञा चक्र में किया जाता है. जबकि शिवजी के सगुण रूप की पूजा के लिये मंत्र “ॐ नमः शिवाय” होता है और इसका जप ह्रदय में अनाहत चक्र पर करना चाहिये.

शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए परंतु जलाधारी पर चढ़ाई जानी चाहिए। शिवलिंग दो भागों से मिलकर बनी होती है। एक भाग शिवजी का प्रतीक है और दूसरा हिस्सा माता पार्वती का। शिवलिंग चूंकि पुरुषत्व का प्रतिनिधित्व करता है अत: इस पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी स्त्री सौंदर्य प्रसाधन की सामग्री है और जलाधारी मां पार्वती से संबंधित है अत: इस पर हल्दी जाती है।

शिवलिंग शिवजी के निराकार रूप का प्रतीक है. अनंत ऊँचाई के प्रकाश स्तम्भ के रूप में भगवान् शिव प्रकट हुए थे. उसी के प्रतीक के रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है.

शिव को कनेर, और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं। शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है। सफेद रंग के फूलों से शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। कारण शिव कल्याण के देवता हैं। सफेद शुभ्रता का प्रतीक रंग है। जो शुभ्र है, सौम्य है, शाश्वत है वह श्वेत भाव वाला है। यानि सात्विक भाव वाला।

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